कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों के लिए कुछ सलाहें दीं
खरीफ की परिपक़्व फसलों की कटाई एवं मड़ाई के लिए मौसम अनुकूल है तथा खाली खेतों में, रबी की बोई जाने वाली फसलें जैसे - तोरिया, आलू, चना, मटर और मसूर आदि की बुवाई के लिए खेतों की तैयारी करें।
पशुओं से सम्बंधित यह सलाह दी गयी है कि किसान, गर्भवती गायों एवं भैंसों को ढलान वाले स्थान पर न बांधें। साथ ही उनको पौष्टिक चारा एवं दाना खिलाएं तथा नवजात बच्चे को तीन दिन तक खिस अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ़ सुधरे स्थान पर रखें व मक्खी और मच्छरों से उनका बचाव करें। आजकल लम्पी स्किन डिजीज जैसे संक्रामक रोग पशुओं को अपनी चपेट में ले रहें हैं, इस वजह से किसान व पशुपालकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
बागवानी के सन्दर्भ में क्या-क्या मुख्य सलाह दी हैं ?
आलू की अगेती किस्म कुफरी अशोका, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी जवाहर आदि की बुवाई के लिए खाद एवं बीज की व्यवस्था करें तथा बुवाई का कार्य करें।
ये भी पढ़ें: आलू की पछेती झुलसा बीमारी एवं उनका प्रबंधन
पत्तागोभी एवं फूलगोभी की नर्सरी डालें तथा तैयार पौध की रोपाई करें। सब्जी, मटर, मूली, शलजम, पालक, सोया एवं मेंथी की बुवाई प्रारम्भ करें।
आम में पत्ती काटने वाले कीट की रोकथाम हेतु २ % कार्बरिल १.५ % धूल का बुरकाव करें।
कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य के जनपद ग्वालियर में संभावित मौसम पूर्वानुमान में आगामी पांच दिनों में साफ से घने बादल रहने वर्षा नहीं होने का अनुमान है l अधिकतम तापमान 25.7 से 26.6 व् न्यूनतम तापमान 8.1 से 8.5 डि.से. रहने तथा अधिकतम आर्द्रता 67 से 76 व न्यूनतम आर्द्रता 28 से 31 प्रतिशत रहने और हवा लगभग 3.7 से 9.4 किमी /घंटा की औषतगति से मुख्यतः पश्चिम उत्तर व पूर्व-उत्तर दिशा से बहने का अनुमान है I संभावित मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए सब्जियों व नव रोपित फल व्रछों में निराई गुड़ाई करें व आवश्कतानुसार सिंचाई करें I
फसल संबंधित सलाह
गेंहू की बुवाई हेतु संभावित मौसम अनुकूल है, अत: गेंहू की उन्नत किस्में जैसे- पूसा तेजस, पूसा उजाला.,ऍम.पी.3382, ऍम.पी. 1203 व आरवीडब्ल्यू 4106 आदि का चयन एवं बीजोपचार कर बुबाई करें व संतुलित मात्रा में उर्वरक डालें I
जौ की बुवाई हेतु उचित तापमान है, अत: उन्नतशील प्रजातियों जैसे- डी.डब्ल्यू.आर.वी.-52,डी.डब्ल्यू.आर.वी.-92, डी.डब्ल्यू.आर.वी.-73,
डी.डब्ल्यू.आर.वी.-64, नरेन्द्र जौ-1, नरेन्द्र जौ-2 व नरेन्द्र जौ-3 आदि का चयन कर बीजोपचार कर बुवाई करें I
सरसों
1. देरी से बोई गई सरसों की फसल में इस समय रस चूसक चितकबरे कीट की संभावना हो सकती है। अत: इसके नियंत्रण हेतु क्लोरोपायरीफास या डायमिथोएट 800 मिली दवा 400 से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करेंI
2. सरसों की फसल जो की 35 से 40 दिन की अवस्था में उसमें प्रथम सिंचाई करें व उसके बाद नत्रजन की मात्रा को दें I
आलू
इस समय आलू की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें व आलू की फसल में पत्तियों पर सतत निगरानी रखें I यदि पत्तियों पर गोल आकार के भूरे धब्बे दिखाई दें तो वह अगेती झुलसा रोग हो सकता है I अत: झुलसा रोग दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु मेन्कोजेब 1.5 किग्रा. दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें I
बागवानी संबंधित आवश्यक जानकारी व सलाह
अमरुद
संभावित मौसम में नवरोपित आम, अमरुद, नीबू आदि पोधों के थालों की निराई गुड़ाई कर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें I
प्याज
प्याज की रोपाई हेतु इस समय बीज सैया की तैयारी कर नर्सरी में प्याज की पोध डालें I
मिर्च और टमाटर
मिर्च और टमाटर में इस समय लीफकर्ल (चुर्रामुर्रा रोग) की संभावना हो सकती है। अतः दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथाक्जाम 25 डी.जी. 100 ग्राम दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिडकाव करें l
बैंगन
बैगन में तना छेदक व फल छेदक कीट की संभावना हो सकती है। दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु ग्रसित फलों को तोड़ कर नष्ट करें व स्पाइनोसैड 48 ईसी कीटनाशक दवा 1 मिली / 4 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें I
संभावित मौसम पूर्वानुमान में तापमान की गिरावट को देखते हुए पशुओं को दिन के समय धूप में रखें व रात्रि में ठण्ड से बचावें। साथ ही, दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें I इस समय अधिकतर पशुओं के ब्याने का समय है, अत: पशुओं के ब्याने के बाद एक घंटे के भीतर पैदा होने वाले शिशु को पर्याप्त मात्रा में (नवजात शिशु के शरीर भर का 1/10 भाग) खीस पिलावें I